मैं ज़िंदगी का देते देते सूद ख़तà¥à¤® हो गया।
इंसानो के अंदर जà¥à¤¨à¥‚न कामयाबी का होना चाहिà¤,
बस इतना ‪खà¥à¤¯à¤¾à¤²â€¬Â रखना कि .. आप की ‪मंजिल‬ का रासà¥à¤¤à¤¾,
तà¥à¤®à¥à¤¹à¥€à¤‚ ने तो सिखाया है कि दिल कैसे जलाते हैं
बेहतर अनà¥à¤à¤µ के लिठअपनी सेटिंगà¥à¤¸ में जाकर हाई मोड चà¥à¤¨à¥‡à¤‚।
कोई उसे कà¥à¤¯à¥‚ठनहीं कहता की वो मेरी हो जाà¤
बेचैनियां बाजार में, नहीं मिला करती यारों
चाहे लाख मà¥à¤¸à¥€à¤¬à¤¤à¥‡à¤‚ रासà¥à¤¤à¤¾ रोके तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¤¾, उमà¥à¤®à¥€à¤¦à¥‹à¤‚ के सहारे आगे बà¥à¤¤à¥‡ जाओ.
चà¥à¤ªà¤šà¤¾à¤ª गà¥à¤œà¤¾à¤° देंगे तेरे बिना à¤à¥€ ये ज़िनà¥à¤¦à¤—ी
दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚ आज की यह पोसà¥à¤Ÿ मोहबà¥à¤¬à¤¤ के उन दीवानो के लिठहैं जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने मोहबà¥à¤¬à¤¤ में ज़खà¥à¤® खाये और उस ज़खà¥à¤® का दरà¥à¤¦ आज तक सह रहे हैं. हौसले बà¥à¤²à¤‚द शायरी सच कहते हैं लोग हर ज़खà¥à¤® का इलाज मà¥à¤®à¤•à¤¿à¤¨ हैं लेकिन मोहबà¥à¤¬à¤¤ के ज़खà¥à¤® का इलाज़ मà¥à¤®à¤•à¤¿à¤¨ नहीं इस इशà¥à¥˜ में चोट खाये आशिक अंदर ही अंदर अपने घà¥à¤Ÿ घà¥à¤Ÿ कर मरने लगता हैं दिखने में तो वो ज़िंदा होता हैं हक़ीक़त तो ये होता हैं वो à¤à¤• चलती फिरती लाश बन जाता हैं.
जान जाओगे की हम मà¥à¤¸à¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ à¤à¥‚ल गà¤à¥¤
इक रोज़ तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡ मांग के देखेंगे खà¥à¤¦à¤¾ से
जब हर ओर छा जाता है अà¤à¤§à¥‡à¤°à¤¾, तो वकà¥à¤¤ आता है दिया जलाने का
शेरो-शायरी तो दिल बहलाने का ज़रिया है साहब